होम्योपैथिक किन - किन  बीमारियों में अच्छा काम करती है

होम्योपैथिक किन - किन बीमारियों में अच्छा काम करती है

होम्योपैथिक कैंसर व ट्यूबरक्युलोसिस जैसी बीमारियों को छोड़कर अन्य सभी बीमारियों को प्रारम्भिक अवस्था में जड़ से समाप्त कर देती है
होम्योपैथिक कैंसर व ट्यूबरक्युलोसिस जैसी गंभीर बीमारियों को छोड़कर सभी रोगों के प्रारम्भिक अवस्थाओं में ना सिर्फ अच्छा काम करती है बल्कि समस्या को जड़ से समाप्त कर देती है किंतु आज के वर्तमान समय में अज्ञानता के कारण हर व्यक्ति सीधा भागकर एलोपैथिक डॉक्टर के पास जाता है और जो समस्या मामूली खर्च में होम्योपैथिक द्वारा ठीक हो जाती है उन समस्याओं के लिये लाखों खर्च करता है और अंत में बीमारी को इतना जटिल बना लेता है की उसे जीवन भर अंग्रेजी दवा खानी पडती है हमें एक स्वस्थ जीवन जीने के लिये इस बात को समझना होगा की अंग्रेजी दवा सिर्फ तत्काल के लिये राहत देती है अंग्रेजी चिकित्सा किसी भी समस्या को जड़ से ठीक नहीं करती है बल्कि रोग को शरीर में दबा देती है हम एक स्वस्थ जीवन की कल्पना सिर्फ होम्योपैथ और आयुर्वेद से ही कर सकते है आपकी जानकारी के लिये हम कुछ बीमारियों को सुझाव के तौर पर सूचीबद्ध कर रहें है जिन्हें आप रोग के प्रारम्भिक अवस्थाओं में होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक द्वारा पूर्ण निजात पा सकतें है -आँत व लीवर में सूजन -गर्भाशय व मूत्राशय का संक्रमण -मूत्र पथ का संक्रमण -गुर्दे की पथरी -गाँठ व गिल्टी की समस्यायें -ह्रदय रोग -बवासीर की समस्यायें -गर्भाशय ओवरी में सिस्ट -स्त्री पुरुष बाँझपन -स्त्री परुष गुप्त रोग -निम्न रक्त चाप -बाल झड़ना -चर्म व एलर्जीकल समस्यायें जैसे की बाऱ-2 फंगल खुजली या जुल्पीति या बार-2 कूल्हे पर फोड़ा फुंसी का निकलना -न्यूरोलाजिकल समस्यायें जैसे की लकवा नसों में दर्द सॉयटिका गठिया उपरोक्त किसी भी समस्या को प्रारम्भिक अवस्था में होम्योपैथ और आयुर्वेद बिल्कुल जड़ से समाप्त कर देती है उपरोक्त समस्या में से यदि आपको कोई भी समस्या है तो आप तत्काल किसी अनुभवी होम्योपैथिक या आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें आप हमें भी अपनी समस्या भेज सकतें है और घर बैठे ऑनलाइन परामर्श या चिकित्सा ले सकतें है यशस्विनी होम्योपैथिक चिकित्सालय भाटपार रानी देवरिया उत्तर प्रदेश पिन कोड -274702
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कान  पीछे की हड्डी का बढ़ना व गाँठ का बनना (Mastoiditis)

कान पीछे की हड्डी का बढ़ना व गाँठ का बनना (Mastoiditis)

Mastoiditis एक प्रकार का गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो व्यक्ति के Mostoid Bone को प्रभावित करता है जो की हमारे skull यानि खोपड़ी के Temporal Bone का एक हिस्सा है यह समस्या अधिकतर बच्चों में देखी जाती है
मास्टॉयडाइटिस का मुख्य कारण मध्य कान का संक्रमण होता है, जो मास्टॉयड हड्डी में फैल जाता है. संक्रमण के कारण मास्टॉयड कोशिकाओं में सूजन आ जाती है और मवाद भर सकता है. कभी-कभी कोलेस्टीटोमा (कान के अंदर त्वचा कोशिकाओं का असामान्य संग्रह) भी मास्टॉयडाइटिस का कारण बन सकता है. बच्चों में मास्टॉयडाइटिस अधिक आम है क्योंकि उनके मध्य कान के संक्रमण की दर अधिक होती है. मुख्य कारण: मध्य कान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया): यह सबसे आम कारण है. संक्रमण मध्य कान से मास्टॉयड हड्डी तक फैल जाता है. कोलेस्टीटोमा: कान के अंदर त्वचा कोशिकाओं का एक असामान्य संग्रह जो संक्रमण पैदा कर सकता है और मध्य कान से पानी को निकलने से रोक सकता है. जोखिम कारक: बच्चे: 2 साल से कम उम्र के बच्चों में मास्टॉयडाइटिस होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि उनके मध्य कान में संक्रमण अधिक होता है. अपूर्ण उपचारित संक्रमण: यदि मध्य कान के संक्रमण का पूरी तरह से इलाज न किया जाए तो संक्रमण मास्टॉयड हड्डी तक फैल सकता है. फ्लू का टीका न लगना: जिन बच्चों को फ्लू का टीका नहीं लगा होता, उनमें कान के संक्रमण की संभावना अधिक हो सकती है, जो मास्टॉयडाइटिस का कारण बन सकता है. संभावित होम्योपैथिक दवायें Capsicum Calcarea flour Aurm metalicum Cal Phos Hepar Sulph Silicea चेतावनी :- दवा की मात्रा व प्रकार उम्र के अनुसार अलग-अलग हो सकती है इसलिये दवा चिकित्सक के परामर्श से ही लें यदि गाँठ में मवाद बनने की स्थिति है तो किसी अनुभवी सर्जन से दिखायें| यशस्विनी होम्योपैथिक चिकित्सालय भाटपार रानी देवरिया उत्तर प्रदेश पिन कोड 274702
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Top Homeopathic Treatment To Recurrent Fungal Infection & Ringworm

Top Homeopathic Treatment To Recurrent Fungal Infection & Ringworm

Fungal infection ka permanent ilaaj Fungal infection jad se kaise thik kare Fungal infection ki best homepathic medicine Fungal infection bar bar kyo hota hai Fungal infection kaise thik kare
दाद या फंगल की समस्या को अधिकतर लोग मामूली समस्या समझकर इसका ईलाज करवाना जरुरी नहीं समझते है जिसके कारण यह समस्या और फैलती जाती है और समस्या जैसे-जैसे पुरानी होती जाती है उससे निजात पाना और कठिन हो जाता है अधिकतर लोगों के मन में यह धारणा बैठ जाती है की यह मामूली दाद ही तो है इसके लिये अधिक धन खर्च करने की जरुरत नहीं है और इसी गलत धारणा की वजह से मरीज की समस्या बड़ी बन जाती है Cause of fungal infection (फंगस का कारण) Allergy-एलर्जी बहुत कम लोगों को यह पता है की यह समस्या अधिक लोगों को फ़ूड्स एलर्जी की वजह से भी होती है जिन लोगों के बॉडी और ब्लड का (Environment) काफ़ी गर्म होता है उन्हें दूध मछली व अंडा के नियमित सेवन से एलर्जी हो जाती है फिर उन्हें बाऱ-2 फोड़ा निकलना दाद खाज खुजली या बार-2 जुल्पीति की समस्यायें हो जाती है गीला कपड़ा पहनने व अधिक पसीना के कारण:- कभी-2 हम गीला कपड़ा जैसे की अंडर गारमेंट अधिक समय तक पहन लेते है या अधिक पसीना भी संक्रमण का कारण बन जाता है संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने या उसके पास सोने के कारण भी यह समस्या हो सकती है लक्षण व उपचार:- दाद की समस्या में जलन खुजली संक्रमित त्वचा से खून आना त्वचा में लालिमा पपड़ी या भूसी छोड़ना इत्यादि यह समस्या कहने मात्र के लिये मामूली है लेकिन इसका ईलाज उतना ही कठिन और चुनौतीपूर्ण है इस समस्या से पीड़ित मरीज तो शुरुआत में मेडिकल से दवा लेकर या घरेलू नुस्खों द्वारा अपनी समस्या का ईलाज करने का प्रयास करते है जब इसके बाद भी समस्या ठीक होकर वापस आ जाती है तो अंत में विवश होकर मरीज किसी (Dermatologist) से दिखाता है और तत्काल के लिये यह समस्या ठीक तो होती है लेकिन समस्या एलर्जीकल होने की वजह से कुछ समय बाद फिर वापस आ जाती है क्युकि अंग्रेजी में कोई ऐसी दवा नहीं है जो एलर्जी को जड़ से समाप्त कर सके इस समस्या को जड़ से ठीक करने का एक मात्र विकल्प है की जिस खाद्य पदार्थ से मरीज को एलर्जी है उसे लेना पूर्ण रूप से बंद करें और होम्योपैथिक में फंगल के साथ-साथ शरीर से एलर्जी को समाप्त करने और कुछ रक्त शोधक दवाओं का प्रयोग 3-6 माह तक करें तभी इस समस्या से पूर्ण निजात मिल सकती है यदि आप भी इस समस्या से परेशान है तो किसी अच्छे अनुभवी होम्योपैथिक डॉक्टर की सहायता लें या हमें अपनी समस्या व्हाट्सप्प करें हमारे संस्था में इस समस्या का गारंटी से ईलाज किया जाता है Yashasvini Homeopathic Clinic Bhatpar Rani Deoria Utter Pradesh Pin Code 274702
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Top Homeopathic Medicine To Recurrent Abscess On Hips

Top Homeopathic Medicine To Recurrent Abscess On Hips

Kulhe par lagatar foda niklanaHips Par bar bar foda kyo niklta hai Back side par ek ke baad ek foda niklanaकारण लक्षण व ईलाज
Hips यानि कूल्हे पर बार-बार फोड़ा निकलना एक प्रकार का बहुत ही जटिल समस्या है जिसका पर्मानेंट ईलाज हर डॉक्टर के पास नहीं है एलोपैथिक डॉक्टरों द्वारा वर्तमान में निकले फोड़े को चीर-फाड़ व एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा तो सुखा दिया जाता है लेकिन बार-बार फोड़ा निकलने की समस्या तब तक चलती रहती है जब तक इस समस्या से पीड़ित मरीजों को कोई अनुभवी होम्योपैथिक डॉक्टर नहीं मिलता है कारण :- (दूध का नियमित सेवन ) दूध एक प्रकार का बहुत ही पौष्टीक आहार है लेकिन बहुत कम लोगों को पता है की जिन लोगों के बॉडी और ब्लड का (Environment) गर्म होता है उन्हें दूध के नियमित सेवन से भयंकर एलर्जी होती है और यह समस्या दूध के नियमित सेवन का ही (allergical) दुष्परिणाम है लक्षण :- शुरुआत में फोड़ा निकलने से पूर्व उस स्थान पर हल्का गर्म महसूस होता है फिर जलन व खुजली के बाद सूजन आ जाती है और वह धीरे-धीरे फोड़ा का रूप ले लेता है और फोड़े में ज्यों-2 मवाद बनता जाता है उसमें भयंकर दर्द शुरु हो जाता है और यह दर्द तब तक कम नहीं होता है है जब तक फोड़ा पूरी तरह पकनें के बाद उसमें से मवाद नहीं निकल जाता है इसी प्रकार यह फोड़ा जगह बदल-2 कर (Hips) पर एक के बाद एक निकलता ही रहता है मरीज एक फोड़े का ईलाज करवाता है अभी वह पूरी तरह ठीक भी नहीं हुआ तब तक थोड़ी दूर पर एक और फोड़ा निकल जाता है बाऱ-बार फोड़ा निकलने और फोड़े से रक्त और मवाद निकलने की वजह से मरीज काफ़ी कमजोर हो जाता है किसी किसी मरीज में शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण हल्का-हल्का बुखार भी रहने लगता है और मरीज का ब्लड प्रेशर सामन्य से कम रहने के कारण सिर दर्द की समस्या भी हो सकती है किसी किसी मरीज में बार-2 फंगल इंफेक्शन खुजली या जुल्पीति की समस्या भी हो जाती है मरीज की स्थिति:- इस समस्या से पीड़ित मरीज शुरुआत में एलोपैथिक डॉक्टर से ईलाज करवाता है अंत में जब फोड़ा निकलना बंद नहीं होता है तो रक्त की कई जाँच करवाता है चूकि यह समस्या (Allergical) होने के कारण जाँच में भी कुछ नहीं निकलता है अंत में कुछ मरीज होम्योपैथिक डॉक्टर का भी सहारा लेते है लेकिन अफ़सोस होम्योपैथिक में भी Hepar sulf Cal Sulph Silicea Anthracinum Belladona Cal Pic दवाओं से वर्तमान में निकला फोड़ा जरूर पककर फूट जाता है लेकिन फोड़ा निकलना बंद नहीं होता है तंग आकर मरीज यू ट्यूब गूगल जैसे प्लेटफार्म पर इस समस्या का समाधान ढूँढता है मगर वहाँ भी उसे कोई कारगर समाधान नहीं मिलता है यदि आप भी इस समस्या से जूझ रहें है तो हमें आज ही अपनी समस्या व्हाट्सप्प करेंl
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